संदेश

जून, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सर दर्द से बचने के लिए घरेलू उपाय

चित्र
1 - तेज़ पत्ती की काली चाय में निम्बू का रस निचोड़ कर पीने से सर दर्द में अत्यधिक लाभ होता है . 2 - नारियल पानी में या चावल धुले पानी में सौंठ पावडर का लेप बनाकर उसे सर पर लेप करने भी सर दर्द में आराम पहुंचेगा . 3 - सफ़ेद चन्दन पावडर को चावल धुले पानी में घिसकर उसका लेप लगाने से भी फायेदा होगा . https://www.highrevenuegate.com/demqakbhnr?key=dabfb4039ac8ed592ef35409b43565ad script type="text/javascript"> atOptions = { 'key' : '0c2e24480197d4371bafb638b824b0fb', 'format' : 'iframe', 'height' : 250, 'width' : 300, 'params' : {} }; document.write(' '); 4 - सफ़ेद सूती का कपडा पानी में भिगोकर माथे पर रखने से भी आराम मिलता है . 5 - लहसुन पानी में पीसकर उसका लेप भी सर दर्द में आरामदायक होता है . 6 - लाल तुलसी के पत्तों को कुचल कर उसका रस दिन में माथे पर 2, 3 बार लगाने से भी दर्द में राहत देगा . 7 - चावल धुले पानी में जायेफल घिसकर उसका लेप लगाने से भी सर दर्द में आराम देगा . 8 - हरा धनिया कुचलकर उसका ल...

हार्ट अटैक से बचने के उपाय

चित्र
नमस्कार में आप का दोस्त zamakhan स्वस्थ जीवन शैली के लिए अपने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए इंटरनेट द्वारा खोज कर आप के सममुख रख रहा हूँ ।पसंद आए तो like करें और दूसरों को भी share करें अपने कोलेस्ट्रोल स्तर को 130 एमजी-डीएल तक रखिए : कोलेस्ट्रोल के मुख्य स्रोत जीव उत्पाद है , जिनसे जितना अधिक हो , बचने की कोशिश करनी चाहिए । अगर आपको युक्त यानी लीवर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल घटाने वाली दवाओं का सेवन करना पडा सकता है । अपना सारा भोजन बगैर तेल के बनाएं , लेकिन मसाले का प्रयोग बंद नहीं : मसाले हमें भोजन का स्वाद देते है , न की तेल का । हमारे ‘ जीरो आयल ‘ भोजन निर्माण विधि का प्रयोग करें और हजारों हजार जीरो आयल भोजन स्वाद के साथ समझोता किए बगैर तैयार करें । तेल ट्रिगलीराइडस होते है और रक्त स्तर 130 एमजी-डीएल के नीचे रखा जाना चाहिए । अपने तनावों को लगभग 50 प्रतिशत तक कम करें : इससे आपको ह्रदय रोग को रोकने में मदद मिलेगी , क्योंकि मनोवेग्नानीक तनाव ह्रदय की बीमारियों की मुख्य वजह है । इससे आपको बेह्तार जीवन स्तर बनाए रखने में भी मदद मिलेगी । हमेशा ही रक्त दबाव को 120...

9प्रकार की यह चाय आप के स्वास्थ के लिए

चित्र
1...काली चाय पातालकोट अक्सर आना जाना लगा रहता है और यहां आदिवासियों के बीच चाय मेहमान नवाज़ी का एक अहम हिस्सा है। जबरदस्त मिठास लिए ये चाय बगैर दूध की होती है और चाय की चुस्की लेते हुए जब इन आदिवासियों से इस चाय की ज्यादा मिठास की वजह पूछी जाए तो जवाब भी उतना ही मीठा मिलता है, 'आपके और हमारे बीच संबंधों में इस चाय की तरह मिठास बनी रहे'। खैर, इस चाय को तैयार करने के लिए 2 कप पानी में एक चम्मच चाय की पत्ती और 3 चम्मच शक्कर को डालकर उबाला जाता है। जब चाय लगभग एक कप शेष रह जाती है, इसे उतारकर छान लिया जाता है और परोसा जाता है। हर्बल जानकारों के अनुसार मीठी चाय दिमाग को शांत करने में काफी सक्रिय भूमिका निभाती है यानि यह तनाव कम करने में मदद करती है। आधुनिक शोध भी चाय के इस गुण को प्रमाणित करते हैं। सच ही है, यदि चाय की एक मिठास रिश्तों में इस कदर मजबूती ले आए तो अपने आप हमारे जीवन से तनाव छू मंतर हो जाए। 2....गौती चाय बुंदेलखंड में आपका आदर सत्कार अक्सर गौती चाय या हरी चाय से किया जाता है। लेमन ग्रास के नाम से प्रचलित इस चाय का स्वरूप एक घास की तरह होता है। हल्की सी नींबू की स...

डायबीटीज (sugar)control के लिए

चित्र
डायबिटीज अब उम्र, देश व परिस्थिति की सीमाओं को लांघ चुका है। इसके मरीजों का तेजी से बढ़ता आंकड़ा दुनियाभर में चिंता का विषय बन चुका है। जानते हैं कुछ देशी नुस्खे मधुमेह रोगियों के लिए - नीबू: मधुमेह के मरीज को प्यास अधिक लगती है। अतः बार-बार प्यास लगने की अवस्था में नीबू निचोड़कर पीने से प्यास की अधिकता शांत होती है। खीरा: मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में बार-बार भूख महसूस होती है। इस स्थिति में खीरा खाकर भूख मिटाना चाहिए। गाजर-पालक : इन रोगियों को गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है। शलजम : मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए। शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम होने लगती है। अतः शलजम की सब्जी, पराठे, सलाद आदि चीजें स्वाद बदल-बदलकर ले सकते हैं। जामुन : मधुमेह के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है। जामुन को मधुमेह के रोगी का ही फल कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसकी गुठली, छाल, रस और गूदा सभी मधुमे...

When you can't sleep

चित्र
Lack of sleep is also the root cause of many diseases, if you get proper sleep then you remain active throughout the day, otherwise, there are many problems like heavy head, yawning, loss of energy and so on. Special efforts should be made to get proper sleep at night, to come on time and there should be no mental tension while sleeping. If there is a problem in sleeping, even after trying, some home Ayurvedic remedies are being given here, use them- Make fine powder of 50-50 grams each of Ashwagandha, Brahmi, Shankhpushpi, Shatavari, Mulhathi, Amla, Jatamasi, Asli Khurasani, Ajwain. Consume 3 to 5 grams with milk before sleeping at night. See its effect after a week. By eliminating insomnia, deep natural sleep starts, dreams do not come and there is relief in high blood pressure. There is no unconsciousness like a sleeping pill, but one feels refreshed as soon as one wakes up in the morning. Mix Sarpagandha, Ashwagandha and Bhang in equal proportion. Take 3 to 5 grams of this powd...

कुछ खास Health Tips आप के स्वस्थ के लिए

चित्र
इन दिनों लोगों ने अपनी लाइफस्टाइल ऐसी बना ली है कि दिनों दिन वे नई-नई परेशानियों और बीमारियों से घिरते जा रहे हैं। चाहे खान-पान हो या आरामदायक जीवनशैली। और तो और शहरी वातावरण भी उन्हें इस तरह की दिनचर्या बनाने में काफी मदद की है। सभी ऐशोआराम की चीजें उन्हें घर बैठे हासिल हो जाती है। उन्हें उठकर कहीं जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। आसान हेल्थ टिप्स दिये जा रहें हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी फिगर को मेंटन तो कर ही सकती हैं। साथ ही इन्हें अपनाकर आप दिन भर तरोताजा भी महसूस करेंगीं। प्रतिदिन वॉक करें। अगर हो सके तो फुटबॉल खेलें यह एक प्रकार का एक्सरसाइज ही है। ऑफिस में या कहीं भी जाएं तो लिफ्ट के बदले सीढिय़ों का इस्तेमाल करें। अपने कुत्ते को वॉक पर खुद लेकर जाएं। बच्चों के साथ खेलें, लॉन में नंगे पांव चलें, घर के आसपास पेड़ पौधे लगाऐं, यानि कि वो सब करें जिनसे आप खुद को एक्टिव रख सकें। ऐसी जगह एक्सरसाइज न करें जहां भीड़भाड़ ज्यादा हो। तले-भुने भोजन, और अन्य फैटी चीजों से परहेज करें यह बहुत से बीमारियों की जड़ होती है। डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें। जैसे कि चीज, ...

पेट कम करने के लिए आयुर्वेद आहार

चित्र
गलत ढंग से आहार-विहार यानी खान-पान, रहन-सहन से जब शरीर पर चर्बी चढ़ती है तो पेट बाहर निकल आता है, कमर मोटी हो जाती है और कूल्हे भारी हो जाते हैं। इसी अनुपात से हाथ-पैर और गर्दन पर भी मोटापा आने लगता है। जबड़ों के नीचे गरदन मोटी होना और तोंद बढ़ना मोटापे के मोटे लक्षण हैं। मोटापे से जहाँ शरीर भद्दा और बेडौल दिखाई देता है, वहीं स्वास्थ्य से सम्बंधित कुछ व्याधियाँ पैदा हो जाती हैं, लिहाजा मोटापा किसी भी सूरत में अच्छा नहीं होता। बहुत कम स्त्रियाँ मोटापे का शिकार होने से बच पाती हैं। हर समय कुछ न कुछ खाने की शौकीन, मिठाइयाँ, तले पदार्थों का अधिक सेवन करने वाली और शारीरिक परिश्रम न करने वाली स्त्रियों के शरीर पर मोटापा आ जाता है। भोजन के अन्त में पानी पीना उचित नहीं, बल्कि एक-डेढ़ घण्टे बाद ही पानी पीना चाहिए। इससे पेट और कमर पर मोटापा नहीं चढ़ता, बल्कि मोटापा हो भी तो कम हो जाता है। आहार भूख से थोडा कम ही लेना चाहिए। इससे पाचन भी ठीक होता है और पेट बड़ा नहीं होता। पेट में गैस नहीं बने इसका खयाल रखना चाहिए। गैस के तनाव से तनकर पेट बड़ा होने लगता है। दोनो समय शौच के लिए अवश्य जाना चाहिए। भोजन ...

आखों को चमकदार कैसे बनाएँ

चित्र
सुबह उठते ही प्रतिदिन ठंडे पानी से आंखें धोनी चाहिए। अथवा त्रिफला या नीम की पत्ती रात में पानी में भिगो दें, इस पानी को छानकर आंखें धोने से नेत्र ज्योति बढ़ती है। सरसों के तेल से बना काजल लगाने और गुलाबजल का फाहा आंखों पर रखने से आंखें स्वच्छ रहती है। अधिक देर तक पढ़ते-लिखते रहने से आंखें दुखने लगती है। बीच-बीच में अपनी हथेलियों को हल्के से आंखों पर रखें। आंखों को बार-बार ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं, तिरछा और गोल घुमाकर आंखों का व्यायाम करें। हरी ताजी सब्जियां, गाजर, चुकंदर व दूध से बने पदार्थ घी आदि के सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

स्वस्थ जीवन शैली ही सफलता की कुंजी है

चित्र
किसी भी व्यक्ति को अगर किसी भी कार्य में सफलता पानी है तो इसके लिए सबसे पहले उसके शरीर का स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि जब तक स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा तब तक सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है। जिस मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा होता है उस मनुष्य का मस्तिष्क, सोचने-समझने की क्षमता तथा कार्य के प्रति निष्ठा सही होती है और तभी वह मनुष्य किसी भी कार्य को करने में सफलता प्राप्त कर पाता है। इसलिए कहते हैं स्वस्थ जीवन ही सफलता प्राप्त करने की कुंजी है। स्वस्थ जीवन प्राप्त करने के लिए कुछ उपयोगी बातें पानी : सभी व्यक्तियों को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन सुबह के समय में बिस्तर से उठकर कुछ समय के लिए पालथी मारकर बैठना चाहिए और कम से कम 1 से 3 गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए या फिर ठंडा पानी पीना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए प्रत्येक व्यक्तियों को प्रतिदिन कम से कम 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए। महत्वपूर्ण क्रिया :सभी व्यक्तियों को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन दिन में 2 बार मल त्याग करना चाहिए। सांसे लंबी-लंबी और गहरी लेनी चाहिए तथा चलते या बैठते और खड़े रहते समय अपनी कमर को सीधा रखन...